लेखनी प्रतियोगिता -12-Jul-2023 "ग़ज़ल "

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       ग़ज़ल ज़माना ख़ुद लुटेरा हैं और मुझको डांकू समझता है।  बिना सच्चाई को जाने और परखे मुझे गुनेहगार समझता है।।  यह कैसा कानून है अंधा जो सुनी सुनाई ...

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